आयुर्वेद में रामबाण औषधि है अमरवेल ,फायदे है अनेक
इसे ‘अखंड लता’, ‘स्वर्ण लता’ और ‘अक्ष बेल’ के नाम से भी जाना जाता है।
अमर बेल के पत्तों, फल, बीज, छाल सभी के औषधीय गुण हैं और इनका उपयोग तरह-तरह की दवाओं के लिए किया जाता है।
नई दिल्ली,(BNE )आयुर्वेद में अमर बेल को अमृत फल की उपमा दी गयी है। इसे रामबाण औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। यह देखने में तो विशिस्ट लगता है ,बल्कि इसके कई तरह के औषधीय लाभ भी है। अमर बेल के पत्तों, फल, बीज, छाल सभी के औषधीय गुण हैं और इनका उपयोग तरह-तरह की दवाओं के लिए किया जाता है।आयुर्वेद में अमरबेल का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। अमर बेल एक बौना, सुगंधित झाड़ी है, जिसके सुनहरे पीले फूल होते हैं, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण-पूर्वी यूरोप में व्यापक रूप से पाया जाता है।इसे ‘अखंड लता’, ‘स्वर्ण लता’ और ‘अक्ष बेल’ के नाम से भी जाना जाता है। यह एक परजीवी पौधा है, जो अन्य पौधों पर चढ़कर फलता-फूलता है।
यह पौधा न केवल त्वचा, बाल, और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान करता है, बल्कि रक्त शर्करा, वजन घटाने, और हृदय स्वास्थ्य में भी फायदेमंद साबित होता है। अमर बेल के अद्भुत औषधीय गुणों के कारण इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।
आयुर्वेद के अनुसार, अमर बेल के अद्भुत औषधीय गुण पित्त और कफ दोष को संतुलित करने में सहायक होते हैं। यह शरीर के विभिन्न दोषों को ठीक करने और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है।
इसके पत्तों और जड़ों से तैयार की गई औषधियों का सेवन पाचन क्रिया को सुधारने, सर्दी-खांसी और अन्य श्वसन समस्याओं को दूर करने में लाभकारी माना जाता है। अमर बेल का नियमित उपयोग शरीर को ताजगी प्रदान करता है और इम्यूनिटी बनाए रखता है। साथ ही यह रक्त शुद्धि, त्वचा संबंधी दिक्कतों को दूर करता है और जोड़ों के दर्द में भी राहत देने का काम करता है।
आयुर्वेद में अमर बेल को एक अत्यधिक प्रभावी औषधि माना गया है, जो न केवल त्वचा और बालों की समस्याओं में राहत प्रदान करती है, बल्कि शरीर के विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों को भी ठीक करने में सहायक होती है। यह पौधा रक्त शर्करा, वजन घटाने, प्रजनन स्वास्थ्य, और हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को सुधारने में भी उपयोगी है।