America First” बनाम “Nation First”: ट्रंप-मोदी की दोस्ती पर गरमाई सियासत
मोदी ने ट्रंप की सराहना की, कांग्रेस ने बताया ‘पाखंड’, बहुपक्षवाद पर छिड़ी नई बहस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती एक बार फिर सुर्खियों में है। मोदी ने एक पॉडकास्ट में ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्हें “साहसी नेता” बताया, जो “America First” सिद्धांत में विश्वास रखते हैं। पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए भी Nation First ही सर्वोपरि है।” लेकिन मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला और इसे “पाखंड की पराकाष्ठा” करार दिया।
मोदी ने की ट्रंप की तारीफ, साझा की पुरानी यादें
मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम को याद किया, जब ट्रंप ने स्टेडियम में उनके भाषण को दर्शकों के बीच बैठकर सुना था। उन्होंने कहा, “ट्रंप में हिम्मत है, वह अपने फैसले खुद करते हैं।” पीएम ने यह भी बताया कि जब चुनाव प्रचार के दौरान उन पर गोली चलाई गई, तब भी वे “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत के प्रति अडिग रहे।
मोदी ने ट्रंप की नई टीम की भी सराहना की, जिसमें जे डी वेंस, तुलसी गबार्ड, विवेक रामास्वामी और एलन मस्क शामिल हैं। उन्होंने कहा, “ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अधिक संगठित और प्रभावी होगा।”
कांग्रेस का हमला – “ट्रंप को खुश करने में लगे हैं मोदी”
मोदी के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री ट्रंप को खुश करने के लिए कुछ भी कह रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों को “अप्रासंगिक” बताकर ट्रंप की भाषा बोलने की कोशिश की।
रमेश ने सवाल उठाया, “क्या डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ और संयुक्त राष्ट्र भारत के लिए बेकार हैं?” उन्होंने कहा कि “बहुपक्षवाद में सुधार की जरूरत है, लेकिन मोदी और ट्रंप इसे खत्म करना चाहते हैं।”
सियासी संग्राम जारी
मोदी के बयान को लेकर भारतीय राजनीति में घमासान मचा हुआ है। जहां बीजेपी इसे “दृढ़ नेतृत्व और कूटनीतिक समझ” का उदाहरण बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे “आत्ममुग्धता और दिखावा” करार दे रही है। अब देखना यह होगा कि ट्रंप और मोदी की यह दोस्ती भारत-अमेरिका संबंधों को किस दिशा में लेकर जाती है।