Huawei से फिर डरा अमेरिका! ट्रंप प्रशासन का चिप्स पर सख्त फरमान, ग्लोबल कंपनियों पर लटक गई सज़ा की तलवार
Ascend सीरीज़ की चिप्स को लेकर अमेरिका का बड़ा फैसला, Huawei के AI क्लस्टर ने बढ़ाई वॉशिंगटन की चिंता, Nvidia को भी मिल रही टक्कर
चीन की टेक दिग्गज कंपनी Huawei एक बार फिर अमेरिका के निशाने पर आ गई है। ट्रंप प्रशासन ने अब उन कंपनियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है, जो दुनिया के किसी भी कोने में Huawei की AI चिप्स का इस्तेमाल करेंगी। अमेरिकी उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने 13 मई को स्पष्ट किया कि Huawei की Ascend 910B, 910C और 910D चिप्स का उपयोग अमेरिकी निर्यात नियंत्रण कानूनों का उल्लंघन माना जाएगा, और दोषियों को आपराधिक दंड भुगतना पड़ सकता है।
खास बात ये है कि इस बार कोई नया कानून नहीं लाया गया, बल्कि निर्यात नियंत्रण की मौजूदा व्याख्या को और कड़ा कर दिया गया है। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि ये चिप्स अमेरिकी तकनीक और सॉफ्टवेयर से तैयार की गई हैं, इसलिए इन पर अमेरिका का अधिकार बनता है।
अमेरिका की इस नाराज़गी की बड़ी वजह Huawei का वह दावा है, जिसमें कहा गया कि उनके AI चिप क्लस्टर अमेरिकी चिपमेकर Nvidia के तुलनात्मक उत्पादों से भी ज्यादा दमदार हैं। भले ही Huawei की चिप्स व्यक्तिगत रूप से Nvidia को पीछे न छोड़ सकें, लेकिन 910C चिप्स से बने क्लस्टर का सामूहिक प्रदर्शन ज़बरदस्त बताया जा रहा है।
अमेरिकी नीति निर्माता इस बात से चौंक गए हैं कि Huawei इतनी तेजी से तकनीकी छलांग कैसे लगा रहा है, जबकि उस पर कई प्रतिबंध पहले से लागू हैं। यह विवाद अब AI वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील होता दिख रहा है—जहां एक तरफ चीन आत्मनिर्भर बनने की दौड़ में है, वहीं अमेरिका उस पर पूरी दुनिया में तकनीकी नकेल कसने की कोशिश कर रहा है।
इस ताजा फैसले से वैश्विक AI कंपनियों और चिप यूज़र्स के सामने नई चुनौती और अनिश्चितता खड़ी हो गई है। चीन-अमेरिका के बीच ये चिप वॉर अब और उग्र होती दिख रही है।
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