• Home
  • About Us
  • Advertise With Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
Sunday, December 14, 2025
  • Login
Lucknow Junction
Advertisement
  • Home
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • देश
  • विदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • विशेष
  • विभागीय
  • E-Magazine
  • अन्य
  • Home
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • देश
  • विदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • विशेष
  • विभागीय
  • E-Magazine
  • अन्य
No Result
View All Result
Lucknow junction

घुसपैठियों के विरुद्ध भारत अमेरिका से लेकर यूरोप तक एलान-ए-जंग

News-Desk by News-Desk
September 15, 2025
in विदेश
0
घुसपैठियों के विरुद्ध भारत अमेरिका से लेकर यूरोप तक एलान-ए-जंग

खबरें हटके

क्या प्रतिबंध ही समाधान? ऑस्ट्रेलिया के सोशल मीडिया कानून पर बहस

नई दिल्ली:अब मेक्सिको ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ,2026 से लागू होगा नियम

अवैध प्रवासन:अमेरिका से यूरोप और भारत तक एक अंतरराष्ट्रीय संकट- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

गोंदिया-वैश्विक स्तरपर 21वीं सदी में अंतरराष्ट्रीय राजनीति, सामाजिक स्थिरता और जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) पर सबसे बड़ा असर डालने वाला मुद्दा अवैध प्रवासन बन चुका है। एक ओर जहां मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि हर व्यक्ति को बेहतर जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए, वहीं दूसरी ओर विभिन्न देशों की सरकारें और नागरिक यह तर्क दे रहे हैं कि अनियंत्रित प्रवास उनके संसाधनों, रोजगार, संस्कृति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है।मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र यहमानता हूं कि यही कारण है कि अमेरिका से लेकर यूरोप और भारत तक,हर जगह यह बहस तेज है कि अवैधप्रवासियों को रोका जाए, उन्हें निर्वासित किया जाए या फिर किसी सीमा तक उन्हें बसने की अनुमति दी जाए।यूरोप और अमेरिका दोनों में एक धारणा तेजी से फैल रही है- “ग्रेट रिप्लेसमेंट थ्योरी।”इस थ्योरी के मुताबिक, बड़ी संख्या में आने वाले प्रवासी धीरे-धीरे वहां की मूल आबादी को संख्या, संस्कृति और राजनीतिक शक्ति में पीछे छोड़ देंगे।फ्रांस में यह चिंता खास है कि मुस्लिम प्रवासी भविष्य में ईसाई आबादी से अधिक हो सकते हैं।जर्मनी और स्वीडन में विदेशी मूल के बच्चे स्थानीय बच्चों से अधिक जन्म ले रहे हैं।ब्रिटेन में लंदन और बर्मिंघम जैसे शहरों में मुस्लिम और एशियाई आबादी का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है।यह बदलाव न केवल सांस्कृतिक टकराव बल्कि राजनीतिक अस्थिरता भी ला सकता है। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि दिनांक 13 सितंबर 2025 को,लंदन 1 लाख से अधिक लोगों के विशाल प्रदर्शन का गवाह बना। इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी रैली कहा जा रहा हैप्रदर्शनकारियों का तर्क है कि ब्रिटेन की पारंपरिक संस्कृति और रोजगार के अवसर प्रवासियों के कारण खतरे में हैं। इस आंदोलन को और भी बड़ा तब मिला जब टेस्ला और एक्स (पूर्व ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने ऑनलाइन आकर इस रैली को समर्थन दिया और दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन का पक्ष लिया।मस्क का यह कदम इंग्लैंड ही नहीं बल्कि पूरे यूरोप में इस मुद्दे को वैश्विक स्तरकी वैधता देता है। इससे साफ हो गया है कि अवैध प्रवासन अब केवल स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से जुड़ चुका है। भारतीय पीएम ने भी 14 सितंबर 2025 को असम में एक सभा मेँ संबोधन के दौरान कहा,सरकार, घुसपैठियों को देश के साधनों- संसाधनों पर कब्जा नहीं करने देगी।भारत के किसानों, नौजवानों ,हमारे आदिवासियों का हक हम किसी को नहीं छीनने देंगे। ये घुसपैठिए हमारी माताओं- बहनों- बेटियों के साथअत्याचार करते हैं, ये नहीं होने दिया जाएगा, घुसपैठियों के माध्यम से बॉर्डर के इलाकों में डेमोग्राफी बदलने की साजिशें चल रही हैं, ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है, इसलिए,अब देश में एक डेमोग्राफी मिशन शुरु किया जा रहा है।सरकार का लक्ष्य है,घुसपैठियों से देश को बचाएंगे घुसपैठियों से देश को मुक्ति दिलाएंगे।और मैं उन राजनेताओं को भी कहना चाहता हूं, आप जो चुनौती लेकर के मैदान में आए तो,मैं सीना तान करके उसचुनौती को स्वीकार करता हूं।और लिख लो मैं देखता हूं, घुसपैठियों को बचाने में तुम कितनी ताकत लगाते हो और घुसपैठियों को हटाने में हम कैसे अपना जीवन लगा देते हैं, हो जाए मुकाबला। घुसपैठियों को बचाने के लिए निकले हुए लोगों को भुगतना पड़ेगा। मेरे शब्द सुन के रखो, यह देश उनको माफ नहीं करेगा चूँकि घुसपैठियों के विरुद्ध भारत अमेरिका से लेकर यूरोप तक एलान-ए- जंग अवैध प्रवासन: अमेरिका से यूरोप और भारत तक एक अंतरराष्ट्रीय संकट इसीलिएआज हम मीडिया मेँ उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,घुसपैठिया @ ग्लोबल एजेंडा।

साथियों बात अगर हम अवैध प्रवासन को निर्वासन करने की शुरुआत डोनाल्ड ट्रंप द्वारा करने की करें तो, अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप और मौजूदा रिपब्लिकन नेताओं ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (एमएजीए) न केवल एक राजनीतिक नारा है,बल्कि एक ऐसी विचारधारा बन गई है जिसमें यह मान्यता है कि अमेरिकी पहचान, संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर अवैध प्रवासी बोझ डाल रहे हैं।लाखोंमैक्सिकन और लैटिन अमेरिकी प्रवासी अमेरिका में बिना दस्तावेज़ रह रहे हैं।ट्रंप की दीवार बनाने की नीति और निर्वासन (डिपोर्टेशन) की रणनीति आज यूरोप के कई देशों के लिए भी प्रेरणा बन चुकी है।ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन जैसे देश अब अमेरिकी मॉडल की तरह कड़े बॉर्डर कंट्रोल औरपहचान-आधारित” नीतियां लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

साथियों बात अगर हम  भारतीय प्रवासी और “एशियाई क्लबिंग” की समस्या की करें तो,यूरोप और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय प्रवासी अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें “एशियाई क्लबिंग” में डाल दिया जाता है।यानेंभारतीयों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रवासियों के साथ एक ही श्रेणी में रख दिया जाता है।भारतीयों का कहना है कि वे वहां शिक्षा, मेहनत और प्रोफेशनल स्किल्स के दम पर बसे हैं, जबकि अधिकतर अवैध प्रवासी दूसरे देशों से हैं। इस क्लबिंग के कारण भारतीयों की अच्छी छवि धूमिल होती है और उन्हें भी स्थानीय विरोध का शिकार होना पड़ता है।जबकि संभावतः हकीकत यह है कि,पूरे यूरोप में सबसे अधिक अवैध प्रवासी अफ्रीकी संघ (अफ्रीकन यूनियन) और मुस्लिम देशों से आ रहे हैं। नाइजीरिया, सोमालिया, लीबिया, सीरिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आने वाले प्रवासियों ने यूरोपीय देशों की नीतियों को चुनौती दी है।इसका सीधा असर यह है कि यूरोप की संसाधन खपत (रिसोर्सस कोन्सुम्प्शन) बढ़ रही है।स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, पब्लिक हाउसिंग और रोजगार पर दबाव बढ़ रहा है।साथ ही अपराध और आतंकवाद को लेकर भी चिंता बढ़ी है।

साथियों बात अगर हम नागरिकों के भड़काने क़े यूरोप में बढ़ते दायरे फ्रांस से स्पेन तक विरोध करने की करें तो यूरोप में पिछले एक दशक से प्रवासन की समस्या गंभीर रूप से बढ़ी है।(1) फ्रांस:पेरिस और मार्सिले जैसे शहरों में अफ्रीकी और अरब देशों से आए प्रवासियों की बड़ीसंख्या बस चुकी है। फ्रांस में बेरोजगारी और आतंकी घटनाओं के बाद से इन प्रवासियों पर सवाल उठने लगे हैं। (2) बेल्जियम और जर्मनी:इन देशों ने सीरिया और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को जगह दी, लेकिन अब राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है कि “बहुत हो गया।”(3)स्पेन और इटली: समुद्री मार्ग से आने वाले प्रवासी यहां सबसे ज्यादादाखिल हो रहे हैं।स्पेन के समुद्रतट पर रोज़ हजारों लोग नावों में उतर रहे हैं।(4)ब्रिटेन: ब्रेक्जिट का एक बड़ा कारण ही था, “इमीग्रेशन कंट्रोल।”इन सभी देशों में विरोध प्रदर्शन और “डिपोर्टेशन डिमांड ” बढ़ता जा रहा है।

साथियों बात अगर हम यूरोप के समुद्र तटों के माध्यम से संभवतःअवैध प्रवासन होने के माध्यम व आंकड़ों को समझने की करें तो,पिछले कुछ वर्षों में 28 लाख से अधिक प्रवासी समुद्र पार करके यूरोप पहुंचे। इनमें से अधिकांश अफ्रीका, सीरिया, अफगानिस्तान और यमन से आए थे। समस्या यह है कि यूरोप पहुंचने के बाद बड़ी संख्या में ये प्रवासी गुम हो गए,यानें न तो उनके पास वैध पहचान है, न ठिकाना, न ही रोजगार। इससे यूरोप की जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफ़िक) संरचना पर बड़ा असर पड़ा है। ग्रीस, इटली और स्पेन के समुद्री तटों पर अब स्थायी बाड़ (फेन्सेस) और सुरक्षा दीवारें बनाई जा रही हैं। हंगरी और पोलैंड ने तो पहले ही “आयरन वाल ” जैसी सीमा सुरक्षा लागू कर दी है।

साथियों बात अगर हम भारत और दक्षिण एशिया में अवैध प्रवासियों क़े संकट की करें तो,भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है।(1)असम और बंगाल: यहां बांग्लादेशी घुसपैठ सबसे बड़ी समस्या है।(2)बिहार और झारखंड: बड़ी संख्या में बांग्लादेशी प्रवासी मजदूरी कर रहे हैं।(3)रोहिंग्या मुसलमान: म्यांमार से आए हजारों रोहिंग्या दिल्ली, जम्मू और हैदराबाद में बस चुके हैं।(4) श्रीलंका के तमिल शरणार्थी: दक्षिण भारत में दशकों से मौजूद हैं।प्रधानमंत्री और कई राज्य सरकारें लगातार चेतावनी देती रही हैं कि ये प्रवासी राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसांख्यिकी संतुलन को बिगाड़ सकते हैं।

साथियों बात अगर हम अवैध प्रवासन के कारणों की करें तो,प्रवासी केवल शौक से अपना देश नहीं छोड़ते। इसके पीछे कई ठोस कारण हैं:(1)गरीबी और बेरोजगारी -अफ्रीकी और एशियाई देशों में रोजगार का अभाव।(2)सामाजिक सुरक्षा की कमी-स्वास्थ्य, शिक्षा और पेंशन जैसी सुविधाओं का अभाव।(3)राजनीतिक अस्थिरता और युद्ध-सीरिया, अफगानिस्तान और यमन जैसे देशों की स्थिति।(4)जलवायु परिवर्तन-सूखा, बाढ़ और अकाल के कारण लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं।(5)बेहतर भविष्य का सपना- यूरोप और अमेरिका की चकाचौंध भरी जीवनशैली।

साथियों बात अगर हम यूरोप की “नस्लीय दृष्टि” और बाहरी खतरे की भावना कुछ समझने की करें तो,यूरोप के कई देश अवैध प्रवासियों को सिर्फ आर्थिक बोझ नहीं मानते, बल्कि उन्हें “बाहरी”(आउटसाइडर्स) और “संस्कृति के दुश्मन” की तरह देखते हैं।(1)जर्मनी और फ्रांस में राइट-विंग पार्टियां तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।(2)ब्रिटेन में “इंग्लिश आइडेंटिटी” का नारा बुलंद हो रहा है।(3)पोलैंड और हंगरी ने साफ कहा है कि वे मुस्लिम प्रवासियों को जगह नहीं देंगे।यह दृष्टिकोण यूरोप की ऐतिहासिक नस्लीय सोच से भी जुड़ा है। उपनिवेशवाद (कॉलोनीलिस्म) के समय की मानसिकता अब “रिवर्स फियर” (उल्टा डर) के रूप में सामने आ रही है,कि कहीं प्रवासी ही मूल आबादी पर हावी न हो जाएं।

अतःअगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अवैध प्रवासन आज केवल एक स्थानीय संकट नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती बन गया है। अमेरिका की नीतियां, यूरोप के विरोध प्रदर्शन, भारत की सीमा सुरक्षा और एशिया-अफ्रीका की गरीबी,सब एक ही सूत्र में बंधे हैं। यदि दुनिया को स्थिर और सुरक्षित रखना है तो संतुलित नीति अपनानी होगी।न तो यह संभव है कि सभी प्रवासियों को हमेशा के लिए रोक दिया जाए, और न ही यह कि बिना जांच- परख हर किसी को बसने दिया जाए।आवश्यक है किअंतरराष्ट्रीय स्तरपर एक साझा प्रवासन नीति बने, जिसमें मानवीय संवेदना भी हो और राष्ट्रीय सुरक्षा का संतुलन भी।

*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9226229318*

Post Views: 18
Previous Post

जनरेशन-जी से लेकर जनरेशन अल्फा तक : बदलती दुनिया, बदलते बच्चे

Next Post

Lucknow junction pdf 15 sep 2025

Related Posts

आधुनिक दौर में एड्स: चुनौतियां, समाधान और भविष्य की दिशा-एक विवेचन(1 दिसंबर विश्व एड्स दिवस पर विशेष आलेख)
विदेश

क्या प्रतिबंध ही समाधान? ऑस्ट्रेलिया के सोशल मीडिया कानून पर बहस

by News-Desk
December 12, 2025
नई दिल्ली:अब मेक्सिको ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ,2026 से लागू होगा नियम
विदेश

नई दिल्ली:अब मेक्सिको ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ,2026 से लागू होगा नियम

by News-Desk
December 11, 2025
वॉशिंगटन-भारत से अमेरिका भेजे जा रहे चावल पर ट्रंप हुए सख्त , लगा सकते हैं नया Tariff
विदेश

वॉशिंगटन-भारत से अमेरिका भेजे जा रहे चावल पर ट्रंप हुए सख्त , लगा सकते हैं नया Tariff

by News-Desk
December 9, 2025
इस्लामाबाद-जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान से मुलाकात के लिए बहनों की मेहनत रंग लाई
विदेश

इस्लामाबाद-जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान से मुलाकात के लिए बहनों की मेहनत रंग लाई

by News-Desk
December 2, 2025
NEW DELHI-ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भारतीय मूल की गर्भवती महिला की सड़क हादसे में मौत
विदेश

NEW DELHI-ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भारतीय मूल की गर्भवती महिला की सड़क हादसे में मौत

by News-Desk
November 19, 2025
Next Post

Lucknow junction pdf 15 sep 2025

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Cricket Live Score

POPULAR NEWS

No Content Available

EDITOR'S PICK

ट्रंप की धमकी के बाद ईरान को याद आया भारत, खामेनेई बोले– पड़ोसी देशों से मजबूत करें रिश्ते

ट्रंप की धमकी के बाद ईरान को याद आया भारत, खामेनेई बोले– पड़ोसी देशों से मजबूत करें रिश्ते

April 17, 2025
बलूच विद्रोहियों का कहर: ट्रेन हाईजैक, धमाके और फायरिंग से कांपा पाकिस्तान!

बलूच विद्रोहियों का कहर: ट्रेन हाईजैक, धमाके और फायरिंग से कांपा पाकिस्तान!

March 13, 2025
SJVN  को सीबीआईपी अवार्ड से सम्मानित किया गया

SJVN  को सीबीआईपी अवार्ड से सम्मानित किया गया

March 22, 2025
कन्नौज: महिला से गैंगरेप, पुलिस ने नही लिखी रिपोर्ट तो लिया कोर्ट का सहारा

Ukraine Security Talks

August 19, 2025

About Us

लखनऊ जंक्शन एक विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है, जो लखनऊ और आसपास की ताज़ा, सटीक और निष्पक्ष खबरें आप तक पहुँचाने के लिए समर्पित है। राजनीति, समाज, शिक्षा, व्यापार, खेल और मनोरंजन से जुड़ी हर अहम जानकारी यहां मिलेगी। हम आपकी आवाज़ को मंच देने और शहर की हर हलचल से आपको अपडेट रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लखनऊ की हर खबर, सबसे पहले, निष्पक्ष और विश्वसनीय रूप में!
E-Mail Id-lucknowjunction51@gmail.com

Follow us

Categories

  • E-Magazine
  • अन्य
  • उत्तर प्रदेश
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • देश
  • विदेश
  • विभागीय
  • विशेष

Our Visitors

1606759
Total Visitors
1692
Visitors Today

Recent Posts

  • कन्नौज: गेस्ट हाउस में बारात और लुटेरों के बीच हिंसक झगड़ा, तीन गंभीर रूप से घायल December 14, 2025
  • भारत में खेलों के लिए 2025 का दृष्टिकोण: एक परिवर्तनकारी वर्ष-  December 14, 2025
  • पर्यावरण के लिए मुसीबत बना प्लास्टिक December 13, 2025
  • Home
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • देश
  • विदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • विशेष
  • विभागीय
  • E-Magazine
  • अन्य

©Copyright 2025, All Rights Reserved For Lucknow Junction by RA.Tech (7985291626)

No Result
View All Result
  • Home
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • देश
  • विदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • विशेष
  • विभागीय
  • अन्य
  • E-Magazine
  • Login

©Copyright 2025, All Rights Reserved For Lucknow Junction by RA.Tech (7985291626)

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In