भारत ने रूस से घटाई हथियारों की खरीद! क्या दरार आ गई है दोस्ती में?
भारत ने रूस से घटाई हथियारों की खरीद! क्या दरार आ गई है दोस्ती में?
72% से घटकर 36% हुआ रूस से आयात, ‘मेक इन इंडिया’ और यूक्रेन युद्ध बना बड़ा कारण
भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है, जिसे रणनीतिक साझेदारी की मिसाल माना जाता है। लेकिन हाल ही में सामने आए हथियार आयात के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। 2000 से 2019 तक भारत द्वारा कुल आयातित हथियारों में से 72% रूस से खरीदे जाते थे। लेकिन 2020 से 2024 के बीच यह आंकड़ा गिरकर महज 36% रह गया है।
इस गिरावट के पीछे कई अहम कारण सामने आ रहे हैं। पहला, भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत की नीति। HAL, DRDO जैसे संस्थानों द्वारा बनाए गए स्वदेशी हथियार जैसे आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट सिस्टम और LCA तेजस ने न केवल घरेलू मांग को पूरा किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारत की पहचान मजबूत की है।
दूसरा बड़ा कारण है रूस-यूक्रेन युद्ध, जिससे रूसी हथियारों की सप्लाई चेन बाधित हुई है। ऐसे में भारत का झुकाव अब पश्चिमी देशों और स्वदेशी तकनीक की ओर बढ़ा है। वर्तमान में भारत का 64% हथियार आयात अब रूस से इतर स्रोतों से हो रहा है।
हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि भारत-रूस संबंधों में खटास आ गई है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘विक्ट्री डे परेड’ में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया, जिससे यह स्पष्ट है कि संबंध मजबूत हैं, पर भारत अब अपनी रणनीति में ‘राष्ट्रहित पहले’ की नीति पर अमल कर रहा है।
साफ है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है, भले ही रिश्ते पुराने हों, फैसले अब नए भारत के मुताबिक लिए जा रहे हैं।













