बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जानकारी दी गई है कि पी.एम. पोषण (मध्यान्ह भोजन) योजना के अंतर्गत जनपद कन्नौज के कुल 1576 विद्यालयों जिसमें 1006 परिषदीय प्राथमिक विद्यालय, 259 उच्च प्राथमिक विद्यालय, 194 कम्पोजिट विद्यालय, 39 सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालय, 13 सहायता प्राप्त मदरसे, 04 दीन दयाल उपाध्याय राजकीय विद्यालय, 01 अनुदानित संस्कृत विद्यालय तथा 60 इंटर कॉलेज—में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत माह दिसंबर 2025 से सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।
योजना दिसंबर 2025 से मार्च 2026 तक संचालित की जाएगी तथा सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन का वितरण प्रत्येक बृहस्पतिवार को किया जाएगा। यदि किसी कारणवश उस दिन विद्यालय बंद रहता है, तो वितरण अगले कार्यदिवस में किया जाएगा। वितरण शिक्षण कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व संपन्न कराया जाएगा। स्थानीय उपलब्धता के आधार पर प्रत्येक छात्र को न्यूनतम 20 ग्राम की मात्रा में मूंगफली की चिक्की, गुड़-तिल-मूंगफली की गजक, चौलाई (रामदाना) का लड्डू, बाजरे का लड्डू अथवा न्यूनतम 50 ग्राम भुना चना प्रदान किया जाएगा। सभी खाद्य सामग्री पैक्ड, गुणवत्तापूर्ण, मार्कयुक्त तथा स्पष्ट एक्सपायरी डेट सहित होनी आवश्यक है। सामग्री का सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित किया जाएगा।
सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन का क्रय मध्यान्ह भोजन योजना की भांति स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। विद्यालय स्तर पर वितरण का तिथिवार विवरण—तिथि, कुल लाभार्थी संख्या, वितरित सामग्री का नाम व मात्रा—सुरक्षित रखा जाएगा। खाद्य सामग्री के बिल, स्टॉक पंजिका, सामग्री की मात्रा, मूल्यांकन एवं एक्सपायरी डेट का अभिलेख संधारित किया जाएगा तथा वितरण के फोटोग्राफ साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखे जाएंगे।
योजना हेतु धनराशि मुख्यालय से दो किश्तों में जनपद को प्राप्त होगी, जिसके उपरांत इसे विद्यालयों के मध्यान्ह भोजन निधि खातों में प्रत्येक माह एक बार हस्तांतरित किया जाएगा। प्रधानाध्यापक द्वारा उपभोग प्रमाण-पत्र निर्धारित प्रारूप पर तैयार कर खंड शिक्षा अधिकारी के प्रतिहस्ताक्षर सहित जनपद को उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के प्रभावी संचालन हेतु जनपद एवं विकास खंड स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा निरीक्षण की कार्यवाही की जाएगी तथा प्रदेश स्तर पर सोशल ऑडिट के माध्यम से मूल्यांकन कराया जाएगा। मां समूह / एसएमसी द्वारा खाद्य सामग्री की गुणवत्ता का अनुश्रवण किया जाएगा।
योजना से आच्छादित सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक/इं
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