NEW DELHI :बुधवार को 244 नहीं, अब 295 जिलों में नागरिकों को दी जाएगी ट्रेनिंग-केंद्रीय गृह मंत्रालय
इस विशाल मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस कर्मियों के साथ-साथ विभिन्न संगठन और स्वयं सहायता समूह भी अपने-अपने स्तर पर भाग ले रहे हैं
नई दिल्ली (BNE ) जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार पाकिस्तान पर दवाब बनाने में लगा हुआ है और पाकिस्तान से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी भी कर रहा है। पाकिस्तान के साथ ाबढ़ते तनाव और संभावित खतरों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पूरे देश में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। इस फैसले में अब थोड़ा सुधार करते हुए देश के 295 जिलों में एक बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। शुरुआत में यह संख्या 244 बताई गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 295 कर दिया गया है।
यह संख्या में बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि साल 2010 के बाद हुए जिलों के पुनर्गठन और नए जिलों के बनने से सिविल डिफेंस के लिए तैयार जिलों की संख्या में 51 का इजाफा हुआ है। इसी के मद्देनजर अब 295 जिलों में यह मॉक ड्रिल कराई जा रही है।
यह अभ्यास पांच दशकों से भी अधिक समय के बाद इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले आखिरी बार साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय ही इतने बड़े स्तर पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल हुई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह किसी युद्ध से पहले का अब तक का सबसे बड़ा मॉक ड्रिल साबित हो सकता है।
इस विशाल मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस कर्मियों के साथ-साथ विभिन्न संगठन और स्वयं सहायता समूह भी अपने-अपने स्तर पर भाग ले रहे हैं। इसके लिए उन्होंने संबंधित स्थानीय और राज्य स्तरीय अधिकारियों को सूचित कर दिया है।
इसके अलावा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी अपने सांसदों से इस ड्रिल में आम नागरिक के तौर पर हिस्सा लेने का आग्रह किया है। छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य भी इस महत्वपूर्ण अभियान का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति, खासकर हवाई या आतंकी हमले की सूरत में, नागरिकों और संबंधित एजेंसियों की तैयारी और प्रतिक्रिया तंत्र को परखना और सुधारना है।













